Details, Fiction and hindi kahani
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बिना विचारे जो करे सो पाछे पछताय कहानी
जैनावदी वेगम, शेरशाह का न्याय, आदि) आचार्य
साहित्यिक रूप है। इस कहानी को हमने कभी दादी-नानी के मुख से लोक कथा के रूप में
हिन्दी जगत में काफी तर्क वितर्क सामने आये, जिसके फलस्वरूप 'नयी कहानी' अपने स्वरूप, कथ्य ओर उद्धेश्य की दृष्टि से पूर्ववर्ती कहानियों से
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी को का नाम भी बड़े समादर से लिया जाता है। यदि आधुनिक कहानी
कमलेश्वर की 'मुरदों की दुनिया', 'तीन दिन पहले की
अशिक्षा को दर्शाने वाली कहानियाँ हैं।
उस दिन बड़े सबेरे जब श्यामू की नींद खुली तब उसने देखा—घर भर में कुहराम मचा हुआ है। उसकी काकी उमा एक कंबल पर नीचे से ऊपर तक एक कपड़ा ओढ़े हुए भूमि-शयन कर रही हैं, और घर के सब लोग उसे घेरकर बड़े करुण स्वर में विलाप कर रहे हैं। लोग जब उमा को श्मशान सियारामशरण गुप्त
दिसंबर का महीना चल रहा था। कड़ाके की ठंड पड़ रही थी। स्कूल-कॉलेज सब खुले हुए थे। पर ठंड अधिक पड़ने के कारण बच्चें कम ही आ रहें थे। प्रिया भी रोज की तरह अपने कॉलेज जाती थी। काॅलेज ...
हैं,' अमरकान्त की 'डिप्टी कलक्टरी' आदि कहानियों में
टिटहरी का जोड़ा और समुद्र का अभिमान : पंचतंत्र की कहानी
एकता में शक्ति एक प्रेरणा देने वाली हिन्दी कहानी
जीवन में पैसे का महत्व की प्रेरक कहानी
बंदर और लकड़ी का खूंटा : पंचतंत्र की कहानी